यूरोप के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे ट्रंप! ऐसी क्या साजिश रच रहा अमेरिका?
दुनिया भर की मीडिया में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक नई वैश्विक योजना की खबरें चल रही है और इन खबरों ने वैश्विक राजनीति में भूचाल ला दिया है। ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ ने भी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि उसे अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटजीज़ का एक लीक ड्राफ्ट दस्तावेज हाथ लगा है। जिसमें अमेरिका की विदेश नीति को लेकर चौंकाने वाले लक्ष्य उजागर हुए हैं। इस कथित लेख दस्तावेज के अनुसार अमेरिका न केवल यूरोपीय संघ को रणनीतिक रूप से कमजोर करना चाहता है बल्कि एक बिल्कुल नई कोर फाइव वैश्विक व्यवस्था बनाने की तैयारी में है जिसमें भारत, चीन और रूस जैसी एशियाई शक्तियों को प्रमुखता मिलेगी। जबकि यूरोप को दरकिनार कर दिया जाएगा।
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जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने स्वीकार किया कि यूरोप के लिए पैक्स अमेरिकाना (अमेरिकी शांति का आदर्श) का दौर समाप्त हो चुका है। यूरोप को आखिरकार यह बात समझ आ गई है। ट्रंप प्रशासन की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में छपे शब्दों के बाद ही यूरोपियों को यह समझ आया कि अमेरिकी अब उन्हें विश्वसनीय सहयोगी नहीं मानते और उनकी सुरक्षा के लिए धन देने को तैयार नहीं हैं। इस रणनीति में यूरोप को एक पतनशील महाद्वीप के रूप में चित्रित किया गया है जो सभ्यता के विनाश का सामना कर रहा है। 2025 के एनएसएस में बताया गया है यदि वर्तमान रुझान जारी रहे, तो 20 वर्षों या उससे कम समय में महाद्वीप पूरी तरह से बदल जाएगा। ऐसे में यह कहना अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या कुछ यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्थाएं और सैन्य शक्तियां इतनी मजबूत होंगी कि वे विश्वसनीय सहयोगी बने रह सकें।
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हालांकि यह सिर्फ अभी कयास लगाए जा रहे हैं इसको लेकर के और व्हाइस हाउस ने इसमें कोई भी आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। दूसरा एशिया केंद्रित नई वैश्व व्यवस्था। बताया जा रहा है कि अमेरिका एक नया एशिया केंद्रित कोर फाइव गठबंधन बनाने की योजना बना रहा है। इस समूह में अमेरिका के अलावा चीन, रूस, भारत और जापान शामिल होंगे। इस समूह का गठन वैश्विक शक्ति और जनसंख्या के आधार पर होगा जिसमें यूरोप की भूमिका वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रिया में गौण यानी साइडलाइन हो जाएगी।
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सीरिया में इस्लामिक स्टेट एक बार फिर खतरनाक तरीके से सक्रिय होता दिख रहा है। मध्य सीरिया के ऐतिहासिक शहर पलमायरा में शनिवार को आईएसआईएस के एक हमलावर ने अमेकी सैनिकों को निशाना बनाकर हमला किया। इस हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक अमे नागरिक की मौत हो गई। जबकि तीन अन्य अमेरिकी सैनिक घायल हो गए। यह हमला उस वक्त हुआ जब अमेरिकी सैनिक आईएसआईएस के खिलाफ चल रहे अभियानों से जुड़ी एक बैठक में शामिल थे। मौके पर मौजूद सीआई सुरक्षा बलों ने हमलावर को मार गिराया लेकिन तब तक भारी नुकसान हो चुका था।
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इस्लामिक स्टेट के खिलाफ ऑपरेशन का हिस्सा रहे दो अमेरिकी सैनिकों समेत तीन लोगों की मौत के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त रुख अपनाया है। अमेरिकी सैनिकों की सीरिया में आतंकी हमले के दौरान जान चली गई। इसके बाद ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि बहुत गंभीर बदला लिया जाएगा। ट्रंप ने सोशल पोस्ट में कहा कि हम सीरिया में तीन अमेरिकी देशभक्तों की मौत पर दुख जताते हैं, जिनमें दो सैनिक और एक सिविलियन इंटरप्रेटर शामिल हैं। इसी तरह, हम तीन घायल सैनिकों के लिए प्रार्थना करते हैं, जिनके बारे में अभी पुष्टि हुई है कि वे ठीक हैं। यह अमेरिका और सीरिया पर आईएसआईएस का हमला था। सीरियाई सरकारी समाचार एजेंसी सना के अनुसार, सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने पलमायरा में खतरे की चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया, जहां यह हमला हुआ।
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हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का गुस्सा साफ नजर आया। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि यह हमला सिर्फ अमेरिका पर नहीं बल्कि सीरिया पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और बहुत कड़ा बदला लिया जाएगा। ट्रंप ने यह भी बताया कि सीरिया के नए अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल शरा इस हमले से बेहद दुखी और नाराज हैं। ट्रंप के मुताबिक घायल अमेरिकी सैनिकों की हालत में अब सुधार है।
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आईएसआईएस को 2019 में क्षेत्रीय रूप से हरा दिया गया था। लेकिन यह हमला एक बार फिर दिखाता है कि संगठन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। खुफिया आकलनों के अनुसार आईएसआईएस के स्लीपर सेल अब भी सीरिया और इराक में सक्रिय हैं। माना जाता है कि संगठन के पास अब भी 5000 से 7000 लड़ाके मौजूद हैं जो मौके की तलाश में रहते हैं और कमजोर सुरक्षा हालात का फायदा उठाते हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हमला करने वाला व्यक्ति सीआई सुरक्षा बलों का ही सदस्य था जिसे उसके चरमपंथी झुकाव के कारण हटाया जा रहा था।
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