कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध वितरण की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के बाद, उत्तर प्रदेश प्रशासन ने बुधवार (10 दिसंबर) को इस मामले में शामिल 12 प्रमुख साजिशकर्ताओं के नाम उजागर किए। यह कार्रवाई मादक पदार्थों के दुरुपयोग से निपटने और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रति राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कोडीन युक्त कफ सिरप जांच में प्रमुख आरोपियों के नाम सामने आए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की जांच में कोडीन युक्त कफ सिरप के संचलन के पीछे मुख्य आरोपियों का खुलासा हुआ है। कोडीन एक प्रतिबंधित पदार्थ है जो लत का कारण बन सकता है।
पहचाने गए संदिग्धों में शामिल हैं-
विभोर राणा
सौरभ त्यागी
विशाल राणा
पप्पन यादव
शादाब
मनोहर जयसवाल
अभिषेक शर्मा
विशाल उपाध्याय
भोला प्रसाद
शुभम जयसवाल
आकाश पाठक
विनोद अग्रवाल
उत्तर प्रदेश सरकार का मादक पदार्थों के दुरुपयोग पर कड़ा रुख
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नशामुक्त राज्य के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है। अन्य राज्यों में कोडीन सिरप से जुड़ी घटनाओं के जवाब में, यूपी सरकार ने राज्य के भीतर जांच और कार्रवाई शुरू करके सक्रिय कदम उठाए हैं। यह मजबूत प्रशासनिक सतर्कता और ऐसे अपराधों के प्रति शून्य सहिष्णुता को दर्शाता है।
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नई दिल्ली | केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज स्पेसएक्स की स्टारलिंक बिज़नेस ऑपरेशंस की उपाध्यक्ष लॉरेन ड्रेयर तथा स्टारलिंक की टीम के साथ बैठक की। चर्चा का मुख्य उद्देश्य भारत में सैटेलाइट-समर्थित डिजिटल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाना और इसे देशव्यापी विस्तार देना रहा, ताकि डिजिटल सेवाओं का लाभ अंतिम छोर तक पहुँच सके।
बैठक के दौरान सिंधिया ने रेखांकित किया कि सैटेलाइट कम्युनिकेशन तकनीकें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल एम्पावर्ड इंडिया’ के विज़न को साकार करने में एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि सैटकॉम आधारित समाधान देश के उन भौगोलिक व सामाजिक क्षेत्रों तक विश्वसनीय कनेक्टिविटी पहुँचाने में अनिवार्य हैं, जहाँ पहुंच मुश्किल है। ये तकनीक विशेषकर ग्रामीण, पर्वतीय, सीमावर्ती और द्वीपीय क्षेत्रों में निर्बाध कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक हैं। यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि इन दूरस्थ क्षेत्रों के नागरिक भी सहजता से डिजिटल सेवाओं, शासन से जुड़े प्लेटफ़ॉर्मों और ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
दोनों पक्षों के बीच सैटेलाइट आधारित अंतिम-मील कनेक्टिविटी के माध्यम से भारत में डिजिटल समावेशन की गति को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा हुई। यह न केवल कनेक्टिविटी अंतर को कम करने में सहायता करेगी बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्यम, प्रशासन और स्थानीय अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति देगी। केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे भारत तीव्र गति से अपने डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन की ओर अग्रसर है, वैसे-वैसे स्टारलिंक जैसी विश्व-स्तरीय सैटकॉम कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारियाँ राष्ट्रीय प्रयासों को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ऐसे सहयोग देश के प्रत्येक नागरिक तक सुरक्षित और विश्वसनीय कनेक्टिविटी पहुँचाने, तथा भारत को एक समग्र डिजिटल राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
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