ललित मोदी और विजय माल्या एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है भारतीय अधिकारियों का परोक्ष रूप से मज़ाक उड़ाना। यह वीडियो विजय माल्या के 70वें जन्मदिन की पार्टी का है, जो कथित तौर पर लंदन में मनाई गई थी। वायरल वीडियो में ललित मोदी व्यंग्यात्मक लहजे में कहते सुनाई दे रहे हैं भारत के सबसे बड़े भगोड़े। यह वीडियो ललित मोदी के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल से शेयर किया गया था। इसने ऑनलाइन काफी आलोचना को जन्म दिया है और लोगों ने वीडियो के कमेंट सेक्शन में अपना गुस्सा ज़ाहिर किया है।
विडियो में ललित मोदी कह रहे हैं कि 'हम दो भगोड़े है, भारत के सबसे बड़े भगोड़े।' इस विडियो अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर ललित मोदी ने कैप्शन में लिखा,मुझे इंटरनेट पर फिर से कुछ ऐसा करना है जिससे हंगामा मच जाए। आप लोगों के लिए कुछ। लो अपना दिल जलाओ।' ललित मोदी ने अपने लंदन स्थित आवास पर माल्या के 70वें जन्मदिन में पार्टी बुलाई थी।
ललित मोदी के वीडियो के पीछे क्या संदर्भ है?
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि वीडियो में खुद को भगोड़ा कहने का क्या मतलब है, तो आइए हम आपको समझाते हैं। विजय माल्या को 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। भारत में उनके कई कारोबार थे, जो दिवालिया हो गए। खबरों के अनुसार, उन्होंने भारत छोड़ दिया और विलासितापूर्ण जीवन शैली का आनंद लेते रहे। वहीं दूसरी ओर, ललित मोदी ने आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष के रूप में कथित वित्तीय अनियमितताओं के कारण 2010 में देश छोड़ दिया था।
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बांग्लादेश में फरवरी में आम चुनाव होने वाले हैं और राजनीतिक तनाव जारी है। ऐसे में अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने देश के अंतरिम प्रशासन को चेतावनी दी है कि राजनीतिक दलों को निलंबित करना और दोषपूर्ण अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण को पुनर्जीवित करना चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने इसके बजाय एक समावेशी और विश्वसनीय लोकतांत्रिक परिवर्तन का आह्वान किया। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब अंतरिम मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने दोहराया है कि राष्ट्रीय चुनाव 12 फरवरी को होंगे और कहा है कि बांग्लादेश का लक्ष्य उन लोकतांत्रिक अधिकारों को बहाल करना है जो निरंकुश व्यवस्था के तहत नष्ट हो गए थे।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्यों ग्रेगरी डब्ल्यू मीक्स, बिल हुइज़ेंगा और सिडनी कामलागर-डोव ने मुख्य सलाहकार यूनुस को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त की कि राजनीतिक संगठनों पर प्रतिबंध लगाने से मतदाताओं के एक महत्वपूर्ण वर्ग को मताधिकार से वंचित किया जा सकता है और एक महत्वपूर्ण मोड़ पर लोकतांत्रिक वैधता कमजोर हो सकती है। सांसदों ने लिखा हम बांग्लादेश में राष्ट्रीय संकट के इस समय में फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए आगे आने की आपकी तत्परता का स्वागत करते हैं।
सांसदों ने कहा कि यह अत्यंत आवश्यक है कि अंतरिम सरकार सभी राजनीतिक दलों के साथ मिलकर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए परिस्थितियां तैयार करे ताकि बांग्लादेश के लोगों की आवाज मतपेटी के माध्यम से शांतिपूर्ण रूप से व्यक्त हो सके और ऐसे सुधार किए जा सकें जो सरकारी संस्थानों की निष्पक्षता और विश्वसनीयता में भरोसा बहाल करें। उन्होंने आशा जताई कि यूनुस सरकार या निर्वाचित उत्तराधिकारी राजनीतिक दल की गतिविधियां निलंबित करने के फैसले पर पुनर्विचार करेगा। बांग्लादेश ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर रातों-रात संशोधित आतंकवाद-रोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया है।
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