बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने भारत की टी20 वर्ल्ड कप टीम का ऐलान किया, चर्चा पूरी तरह एक नाम पर टिक गई। जिस शुभमन गिल को आने वाले समय में ऑल-फॉर्मेट लीडर के तौर पर देखा जा रहा था, उनका 15 सदस्यीय टीम से बाहर होना सबको चौंका गया। बता दें कि टीम में संजू सैमसन की ओपनिंग में वापसी हुई, जबकि हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी फाइनल में शतक लगाने वाले ईशान किशन को बैकअप विकेटकीपर के तौर पर शामिल किया गया।
मौजूद जानकारी के अनुसार, चयन के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाकी खिलाड़ियों से ज़्यादा गिल की गैरमौजूदगी पर सवाल उठे। इसकी वजह यह भी रही कि बीते कुछ महीनों से संकेत मिल रहे थे कि 25 वर्षीय गिल को टी20 फॉर्मेट में भविष्य के कप्तान के रूप में तैयार किया जा रहा है। उन्हें पहले ही वनडे और टेस्ट में नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। कप्तान सूर्यकुमार यादव भी इस दौरान फॉर्म से जूझते दिखे हैं, लेकिन चर्चा का केंद्र गिल ही बने रहे।
गौरतलब है कि टी20 क्रिकेट में गिल का रिकॉर्ड काफी मजबूत रहा है। पिछले छह आईपीएल सीज़न में वह हर बार 400 से ज्यादा रन बना चुके हैं और हाल के तीन सीज़न में उनका स्ट्राइक रेट 135 से ऊपर रहा है। साल 2023 में उन्होंने 890 रन बनाकर ऑरेंज कैप जीती थी, जबकि आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटंस की कप्तानी करते हुए 650 रन, छह अर्धशतकों और करीब 156 के स्ट्राइक रेट के साथ उनका प्रदर्शन प्रभावशाली रहा।
इसके बावजूद, रिपोर्ट के मुताबिक समस्या उनके रोल को लेकर रही। चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट ने उन्हें टॉप ऑर्डर में एक ऐसे बल्लेबाज़ के रूप में देखा था जो पारी को संभाल सके, ठीक वैसे ही जैसे विराट कोहली बड़े टूर्नामेंट्स में करते रहे हैं। इसी योजना के तहत संजू सैमसन को कई बार अपने पसंदीदा स्थान से नीचे बल्लेबाज़ी करनी पड़ी और गिल को प्लेइंग इलेवन में निरंतर मौके दिए गए।
हालांकि, टीम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गिल पावर हिटिंग और स्थिरता के बीच सही संतुलन नहीं बना पाए। वापसी के बाद 15 पारियों में उनके बल्ले से सिर्फ 291 रन निकले और कोई अर्धशतक नहीं आया। वहीं कप्तान सूर्यकुमार यादव के भी फॉर्म में न होने से बाकी बल्लेबाज़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ा और टीम की रन गति प्रभावित हुई।
ऐसे में चयनकर्ताओं ने वर्ल्ड कप से पहले सख्त फैसला लिया और संकेत दे दिया कि मौजूदा सेटअप में प्रदर्शन ही प्राथमिकता है, नाम या भविष्य की योजना नहीं, और यही संदेश शुभमन गिल के बाहर होने से साफ तौर पर सामने आया।
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रविवार को खेले गए अंडर-19 एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को 191 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया, और स्टेडियम में मौजूद एशियन क्रिकेट काउंसिल के चेयरमैन मोहसिन नक़वी की खुशी कैमरों में साफ झलकी। बता दें कि नक़वी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख होने के साथ-साथ देश के गृह मंत्री भी हैं और इसी मुकाबले में उन्हें विजेता टीम को ट्रॉफी सौंपनी थी।
मौजूद जानकारी के अनुसार, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने 50 ओवर में 347 रन बनाए। इस दौरान समीर मिन्हास ने 113 गेंदों में 172 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जो यूथ वनडे में पाकिस्तान की ओर से अब तक का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है। भारत के सामने लक्ष्य पहाड़ जैसा था, लेकिन जवाब में भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह बिखर गई। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज अली रज़ा, मोहम्मद सय्याम और अब्दुल सुभान ने मिलकर आठ विकेट झटके और भारत की पूरी टीम 156 रन पर सिमट गई।
भारतीय पारी के आखिरी ओवरों के दौरान, जब टीम नौ विकेट गंवा चुकी थी, तब स्टैंड्स में बैठे मोहसिन नक़वी की मुस्कान कैमरों में कैद हुई। मैच खत्म होने के बाद वह खिलाड़ियों के साथ मैदान का चक्कर लगाते दिखे और बाउंड्री के पास मौजूद दर्शकों का अभिवादन भी किया।
गौरतलब है कि नक़वी इससे पहले भी एशिया कप आयोजनों के दौरान चर्चा में रहे। सितंबर में सीनियर एशिया कप फाइनल में भारत की जीत के बावजूद ट्रॉफी हैंडओवर को लेकर विवाद हुआ था, जब भारतीय टीम ने औपचारिक रूप से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। वहीं नवंबर 2025 में दोहा में हुए राइजिंग स्टार्स एशिया कप (इमर्जिंग टीम्स) फाइनल में नक़वी ने पाकिस्तान शाहीनज़ की जीत के बाद मैदान पर उतरकर ट्रॉफी सौंपी थी। ताज़ा अंडर-19 फाइनल ने एक बार फिर भारत-पाक मुकाबले की प्रतिस्पर्धा और भावनात्मक रंग को सामने ला दिया।
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