बांग्लादेश में हसीना विरोधी एक और नेता पर हमला:घर में घुसकर गोली मारी, कान के आर-पार निकली, हालत गंभीर
बांग्लादेश में शेख हसीना विरोधी एक और नेता पर हमला हुआ है। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुलना में सोमवार दोपहर 12 बजे नेशनल सिटिजन्स पार्टी (NCP) के नेता मोहम्मद मोतालेब शिकदर को घर में घुसकर गोली मार दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावरों ने सीधे मोतालेब के सिर को निशाना बनाकर फायरिंग की। वह गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़े। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें उठाकर खुलना मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है। पुलिस के मुताबिक, शुरुआत में उनकी हालत काफी नाजुक थी। डॉक्टरों ने बताया कि गोली कान के आर पार निकल गई। पुलिस अधिकारी अनिमेष मंडल ने कहा कि गनीमत रही कि गोली दिमाग तक नहीं पहुंची, जिससे उनकी जान बच गई। घायल नेता NCP पार्टी के डिवीजन प्रमुख मोतालेब शिकदर NCP के खुलना डिवीजन के प्रमुख हैं और पार्टी से जुड़े मजदूर संगठन NCP श्रमिक शक्ति के आयोजक भी हैं। उन पर हुए इस हमले से इलाके में दहशत फैल गई है। NCP खुलना में एक मजदूर रैली आयोजित करने वाली थी। शिकदर उसी पर काम कर रहे थे। हमलावरों को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई इलाकों में ऑपरेशन शुरू किया है और हमले के पीछे की वजह जानने के लिए जांच की जा रही है। NCP उन छात्रों से बनी पार्टी है जिन्होंने पिछले साल बांग्लादेश में बड़ा आंदोलन खड़ा किया था, जिसके बाद शेख हसीना का तख्तापलट हुआ। कुछ दिन पहले ही छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या हुई थी यह हमला ऐसे समय हुआ है जब पूरे बांग्लादेश में तनाव का माहौल बना हुआ है। कुछ दिन पहले ढाका में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 12 दिसंबर को ढाका की एक मस्जिद से निकलते समय नकाबपोश हमलावरों ने उन पर गोली चलाई। उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर के एक अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया, जहां 18 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया। हादी ढाका यूनिवर्सिटी से जुड़े एक छात्र संगठन इंकलाब मंच के संस्थापक थे। उनकी मौत के बाद राजधानी समेत कई इलाकों में प्रदर्शन और हिंसा शुरू हो गई थी बांग्लादेश में हिंसा से भारतीय सेना अलर्ट पर भारत में बीते कुछ महीनों में लगातार भारत विरोधी भवनाओं को बल मिला है। हादी की मौत के विरोध में इंकलाब मंच और जमात के कट्टरपंथियों ने शुक्रवार को बेनापोल से भारत के बॉर्डर तक मार्च निकाला था। उनका कहना था कि पूर्व पीएम शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपा जाए। चटगांव में चंद्रनाथ मंदिर के बाहर कट्टरपंथियों ने धार्मिक नारेबाजी की। इधर भारतीय सेना भी एक्टिव हो गई है और बांग्लादेश के हालात पर नजर बनाए हुए है। ईस्टर्न कमांड प्रमुख ले. जनरल आरसी तिवारी ने गुरुवार शाम भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा किया है। ---------------- यह खबर भी पढ़ें... हसीना बोलीं- यूनुस की शह से बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमले:आतंकियों को जेल से रिहा किया, सरकार भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रही बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे हमले के लिए अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। हसीना के मुताबिक, कुछ कट्टरपंथी ताकतें खुलकर हिंसा कर रही हैं, जिन्होंने भारतीय दूतावास, मीडिया दफ्तरों और अल्पसंख्यकों पर हमले किए हैं। पढ़ें पूरी खबर...
हसीना बोलीं- यूनुस की शह से बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमले:आतंकियों को जेल से रिहा किया, सरकार भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रही
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे हमले के लिए अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। हसीना के मुताबिक, कुछ कट्टरपंथी ताकतें खुलकर हिंसा कर रही हैं, जिन्होंने भारतीय दूतावास, मीडिया दफ्तरों और अल्पसंख्यकों पर हमले किए हैं। यूनुस सरकार ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है और यहां तक कि सजा पाए आतंकियों को भी रिहा किया गया है। उन्होंने बांग्लादेश में भारत विरोधी भावना के लिए भी मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। ANI न्यूज एजेंसी को दिए एक मेल इंटरव्यू में हसीना ने भारत को बांग्लादेश का सबसे भरोसेमंद दोस्त बताया। उन्होंने कहा कि यूनुस सरकार की नीतियों से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है। अंतरिम सरकार भारत के खिलाफ बयान दे रही है और अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में नाकाम रही है। भारत के राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर जो चिंता जताई जा रही है, वह बिल्कुल सही है। कहा- बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरता दक्षिण एशिया के लिए खतरा शेख हसीना ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश इसलिए छोड़ा ताकि और खून-खराबा न हो, न कि इसलिए कि उन्हें कानून से डर था। उनका कहना है कि आज देश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है और हिंसा आम बात बन गई है। उन्होंने कट्टर इस्लामी संगठनों के बढ़ते असर पर भी चिंता जताई और कहा कि यह न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए खतरा है। हसीना ने आरोप लगाया कि यूनुस सरकार बाहर की दुनिया को उदार चेहरा दिखा रही है, लेकिन देश के अंदर कट्टरपंथियों को ताकत दे रही है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) को लेकर दिए जा रहे बयानों पर हसीना ने कहा कि पड़ोसी देश को धमकाना गैर-जिम्मेदाराना है और यह बांग्लादेशी जनता की सोच नहीं है। उन्होंने भरोसा जताया कि लोकतंत्र लौटते ही ऐसे बयान खत्म हो जाएंगे। शेख हसीना ने कहा कि जब बांग्लादेश में फिर से चुनी हुई सरकार आएगी, तब भारत के साथ रिश्ते भी पहले जैसे मजबूत और दोस्ताना हो जाएंगे। उन्होंने भारत को मिले सहयोग और मेहमाननवाजी के लिए आभार भी जताया। शेख हसीना फिलहाल बांग्लादेश नहीं लौटेंगी हसीना ने बताया कि वह अभी अपने देश वापस नहीं जाएंगी। उनका कहना है कि मौजूदा हालात में उनके खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, वह न्याय नहीं बल्कि राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि जब तक बांग्लादेश में सही सरकार नहीं बनती और अदालतें स्वतंत्र नहीं होतीं, तब तक उनकी वापसी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आप मुझसे यह उम्मीद नहीं कर सकते कि मैं अपनी राजनीतिक हत्या के लिए लौटूं। उन्होंने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को चुनौती दी कि अगर उन्हें लगता है कि वे सही हैं, तो इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत हेग में ले जाएं। हसीना को भरोसा है कि कोई निष्पक्ष अदालत उन्हें निर्दोष साबित करेगी। हसीना ने उन्हें दी गई मौत की सजा को खारिज किया शेख हसीना ने बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के फैसले को पूरी तरह खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह कोई न्यायिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उन्हें बदनाम करने की राजनीतिक साजिश है। उनका आरोप है कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया और न ही अपनी पसंद के वकील रखने दिया गया। उन्होंने कहा कि इस ट्रिब्यूनल का इस्तेमाल अवामी लीग को खत्म करने के लिए किया जा रहा है। गौरतलब है कि नवंबर में बांग्लादेश की एक अदालत ने जुलाई-अगस्त 2024 के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से जुड़े मामले में शेख हसीना को 'मानवता के खिलाफ अपराध' का दोषी ठहराया था। लोकल मीडिया के मुताबिक, उन्हें मौत की सजा भी सुनाई गई है। इस मामले में पूर्व पुलिस प्रमुख और पूर्व गृह मंत्री को भी दोषी ठहराया गया है। हसीना बोलीं- यूनुस सरकार की वैधता नहीं इन सबके बावजूद शेख हसीना ने कहा कि उन्हें अब भी देश के संविधान पर भरोसा है। उनका कहना है कि जब लोकतंत्र वापस आएगा और अदालतें स्वतंत्र होंगी, तब सच्चा न्याय जरूर मिलेगा। हसीना ने मौजूदा अंतरिम सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उसकी कोई लोकतांत्रिक वैधता नहीं है, क्योंकि उसे जनता ने चुना नहीं है। उन्होंने कहा कि देश को अस्थिरता की ओर ले जाया जा रहा है। फरवरी में होने वाले चुनावों पर भी उन्होंने सवाल उठाए और कहा कि अवामी लीग पर रोक लगाकर चुनाव कराना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अवामी लीग के बिना चुनाव, चुनाव नहीं बल्कि सिर्फ ताजपोशी होगी। ------------------ यह खबर भी पढ़ें... भारत में बांग्लादेश हाईकमीशन के बाहर प्रदर्शन:हिंदू युवक की हत्या का विरोध, विदेश मंत्रालय बोला- प्रदर्शन शांतिपूर्ण; ढाका ने कहा- हकीकत कुछ और भारत की राजधानी नई दिल्ली में बांग्लादेश हाई-कमीशन के बाहर हुए प्रदर्शन को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। यह प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के विरोध में किया गया था। पढ़ें पूरी खबर...
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