Pakistan में मुनीर के खिलाफ ट्रिपल बगावत, TTP-BLA की मार से उड़े होश, इमरान समर्थकों ने भी काटा बवाल
मुसीबत एक रास्ते से आए तो इंसान उससे लड़ सकता है, मुकाबला कर सकता है। लेकिन अगर वो तीन-तीन रास्ते से एक साथ आ जाए तो फिर जाहिर है नींद उड़ जाएगी। जीना हराम हो जाएगा। फील्ड मार्शल से पाकिस्तान का सीडीएफ बने आसिम मुनीर के साथ बिल्कुल यही हो रहा है। तीन-तीन मुसीबतों ने उस पर एक साथ धावा बोल दिया। नतीजा यह कि पूरे पाकिस्तान पर राज करने का ख्वाब देख रहे मुनीर का जीना हराम हो गया। फील्ड मार्शल के बाद सीडीएफ बनकर आसिम मुनीर पूरे पाकिस्तान पर हुकूमत का ख्वाब देख रहा था। उसने सोचा था जिंदगी मजे से गुजारने का इंतजाम हो गया है। लेकिन हुआ उल्टा। उसका पाकिस्तान में जीना हराम हो गया। टीटीपी ने पाकिस्तान में अपने हमले तेज कर दिए हैं। बलूच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए मुनीर की सेना पर ताबड़तोड़ हमले कर उसके हौसले पस कर रही थी। वहीं इमरान खान के समर्थकों ने भी सड़क पर उतर कर मुल्ला मुनीर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यानी एक साथ तीन-तीन मोर्चों पर मुनीर को जूझना पड़ रहा है। ना दिन को चैन है और ना ही रात को आराम।
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पाकिस्तान में मुनीर का जीना हराम हो गया है। इन तीन मोर्चों में से सबसे पहले बात बलूच लिबरेशन आर्मी की जिसने मुल्ला मुनीर की फौज को सबसे ताजा जख्म दिया है। बलूचिस्तान में पाकिस्तान की आर्मी को एक और बड़े हमले का सामना करना पड़ा। पंचगुर और खुजदार के ज़हरी इलाके में पाक आर्मी को निशाना बनाकर बलूच लिबरेशन आर्मी ने खौफनाक हमला किया। जिसमें 13 पाकिस्तानी फौजियों की मौत होने की खबर है। इतना ही नहीं बीएलए ने सोशल मीडिया पर मुनीर की बेइज्जती का वीडियो भी रिलीज़ कर दिया। वीडियो में राइफलें, गोला बारूद के डिब्बे और दूसरे उपकरण दिखाई दे रहे हैं। बीएएलए का दावा है कि यह पाकिस्तानी आर्मी के हथियार और वर्दियां हैं जो अपने कब्जे में लिए हैं।
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एक तो बीएलए का हमला और दूसरा मुल्ला मुनीर के फौजियों की वर्दी और हथियारों पर कब्जा। पाकिस्तानी आवाम तौबतौबा कर रही है। बलूचों के हमलों ने मुनीर की फौज की नींद उड़ा रखी है। तो वहीं दूसरी तरफ टीटीपी मुनीर को सांस लेने का मौका नहीं दे रही। टीटीपी ने एक बार फिर से सुरक्षा बलों पर बड़ा अटैक किया। शनिवार को हुए टीटीपी के हमले में पाकिस्तान के चार जवान मारे गए हैं। यह हमला पाकिस्तान के आशांत खैबर पख्तून ख्वा प्रांत में हुआ। टीजीटीपी ने उत्तरी वजिस्तान जिले के बोया इलाके में स्थित पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के कैंप को निशाना बनाया।
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इमरान खान का नाम लेकर सड़क पर उतरी पीटीआई की झंडाधारी आवाम पाकिस्तान में नए कोहराम की घंटी बजा रही है। ये आसिम मुनीर के खिलाफ उस बगावत की प्रस्तावना लिख रही है जिसकी पटकथा खुद नियाजी ने जेल में बैठकर लिखी है। यह शहबाज शरीफ को दी जाने वाली उस चुनौती की कड़ी है जिसकी पूरी और पक्की तैयारी हो चुकी है। पाकिस्तानी हुकूमत और फौज के खिलाफ इमरान के समर्थक सर्द शाम में सड़क पर उतर कर आवाज लगा रहे हैं। पाकिस्तान की सड़कों और गलियों को जाम करने के आवाहन के बाद पीटीआई के कार्यकर्ता अलग-अलग शहरों में झंडा लेकर उतरे हुए हैं। बुलंद आवाज में सेना और कठपुती सरकार दोनों को चुनौती दी जा रही है। निशाने पर सीधे आसिफ मुनीर है क्योंकि इमरान खान को जिंदगी भर के लिए काल कोठरी में बंद करने की साजिश रची जा रही है। जानकार बता रहे हैं कि मुनीर के लिए यह स्थिति ना निगलने वाली है ना उगलने वाला। जाहिर है आसिम मुनीर ने जिस शातिरना अंदाज में चाल चली थी वो फेल होती दिखाई पड़ रही है। आसिम चक्रव्यूह में फंस चुका है। मुनीर एक तरफ गाजा में आर्मी भेजने पर फंस गया है और दूसरी ओर इमरान खान को जेल में आजीवन काल कोठरी में बंद करने को लेकर भी लोगों मे
अचानक फोर्स ने घेरा बांग्लादेशी दूतावास, दिल्ली में हाई अलर्ट
बांग्लादेश हिंसा की आग भले ही बुझ गई हो लेकिन तनाव कम नहीं हुआ है। बांग्लादेश के कट्टरपंथी अल्पसंख्यक हिंदुओं को लगातार टारगेट कर रहे हैं। भारत में इसको लेकर गुस्सा है। देश के अलग-अलग शहरों में बांग्लादेश के खिलाफ आक्रोश दिखा। सिर्फ भारत नहीं पड़ोसी नेपाल में भी हिंदुओं का गुस्सा बांग्लादेश पर प्रदर्शन के जरिए फूटा। ये गुस्सा ये आक्रोश मुर्दाबाद मुर्दाबाद मुर्दाबाद और यह खामोशी पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश धक रहा है। नफरत की साग में हिंदुओं के घर भी जले और हिंदू जिंदा भी जले। यह गुस्सा उसी नफरत के खिलाफ है जिसने ढाका में हिंदू युवक दीपपू दास की पीट-पीट कर हत्या कर दी और फिर सरेआम उसके शव को आग लगा दिया। दीपू दास की हत्या और हिंदुओं पर टारगेटेड हमले के खिलाफ ढाका में अल्पसंख्यक हिंदू इकट्ठा हुए और न्याय की मांग की। यह मौन विरोध था ढाका की उस व्यवस्था के खिलाफ जिसने धर्म के आधार पर एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी। यह मौन विरोध उस नफरत के खिलाफ था जिसने धर्म के आधार पर एक युवक को मार डाला।
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ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर में भी हिंदू संगठन के लोग इकट्ठा हुए और दीपू दास को श्रद्धांजलि दी। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ भारत में आक्रोश है। जमशेदपुर में बीजेपी और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और बांग्लादेशी सरकार के एडवाइजर मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंक दिया। मुर्दाबाद मुर्दाबाद मुर्दाबाद मुर्दाबाद मुर्दाबाद। यह आक्रोश सिर्फ जमशेदपुर तक नहीं है। देश की राजधानी दिल्ली में बांग्लादेशी दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारी जुटने लगे। हालांकि समय रहते दिल्ली पुलिस सक्रिय हुई और सभी प्रदर्शनकारियों को वापस भेज दिया। असम के सीमावर्ती जिलों में भी बांग्लादेश के खिलाफ आक्रोश दिखा। त्रिपुरा में हजारों की संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता सड़क पर आ गए। बांग्लादेश के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और पुतला भी जलाया।
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वहीं सिलचर में हिंदू संगठनों ने बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा की मांग करते हुए विरोध दर्ज कराया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ जो हो रहा है उसकी आंच नेपाल तक पहुंची है। नेपाल के आठ जिलों में हिंदू संगठन आक्रोशित है। नेपाली नागरिकों ने बांग्लादेश के खिलाफ आवाज बुखर की। साथ ही अपनी सरकार से मांग की कि बांग्लादेशी दूतावास को नेपाल से तुरंत हटाया जाए और उनके डिप्लोमेट्स को देश से भगाया जाए। बांग्लादेश में जिहादी सक्रिय है। मानो पूरे देश को कट्टरपंथियों ने कब्जे में ले लिया हो। शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को भी यह जिहादी ताकतें खोजखोज कर मार रही है।
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