एपस्टीन सेक्स स्कैंडल फाइल्स में ट्रम्प की फोटो फिर अपलोड:इसमें मेलानिया ट्रम्प की भी तस्वीर; सरकार ने कल 16 फाइलें वेबसाइट से हटाईं थीं
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट (DOJ) ने यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों में शामिल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की फोटो को फिर से जारी कर दिया है। इसमें मेलानिया ट्रम्प की भी तस्वीर है। डिपार्टमेंट ने कहा है कि इस फोटो में एपस्टीन मामले के किसी भी पीड़ित को नहीं दिखाया गया है। न्यूयॉर्क के सरकारी वकीलों ने पहले इस तस्वीर पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि इससे पीड़ितों की पहचान उजागर होने का खतरा हो सकता था। इसलिए एहतियात के तौर पर इस तस्वीर समेत कुल 16 फाइलों को कल वेबसाइट से हटा दिया गया था। जांच के बाद ऐसा कोई खतरा नहीं मिला, इसलिए फोटो को बिना किसी बदलाव के दोबारा जारी कर दिया गया। इससे पहले CNN ने बताया था कि एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों में से कई फाइलें वेबसाइट से हटा दी गई थीं। इनमें ट्रम्प की यह फोटो भी शामिल थी। कुछ अन्य फाइलों में आपत्तिजनक तस्वीरें और नोट्स थे। विपक्ष बोला- सरकार ट्रम्प को बचाने की कोशिश कर रही तस्वीर हटाने के बाद डेमोक्रेट नेताओं ने आरोप लगाए कि सरकार ट्रम्प को बचाने की कोशिश कर रही है। हालांकि डिप्टी अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लांश ने साफ कहा कि इसका ट्रम्प से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि पीड़ितों के अधिकारों से जुड़े समूहों ने फोटो हटाने को कहा था, ताकि सही जांच हो सके। जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा है कि वह पूरी पारदर्शिता रखता है और सिर्फ वही जानकारी हटाता है जो कानून के मुताबिक जरूरी हो। डिपार्टमेंट को पीड़ितों, नाबालिगों और संवेदनशील जानकारी की पहचान छिपानी होती है। DOJ ने यह भी साफ किया कि किसी बड़े या राजनीतिक व्यक्ति को बचाने के लिए कोई जानकारी नहीं हटाई जाएगी। DOJ के पास कुछ ऐसे लोगों ने अपील दर्ज की है, जो खुद को पीड़ित बताते हैं और कुछ जानकारी हटाने की मांग करते हैं। ऐसे मामलों में कंटेंट को अस्थायी तौर पर हटाकर जांच की जाती है और जरूरत पड़ने पर सही बदलाव के साथ फिर जारी किया जाता है। वकील बोलीं- पीड़ितों की पहचान सही तरीके से नहीं छिपाई गई पीड़ितों की वकील ग्लोरिया ऑलरेड ने कहा कि कुछ दस्तावेजों में पीड़ितों के नाम और तस्वीरें ठीक से नहीं छिपाई गईं, जो गलत है। उन्होंने कहा कि इससे पीड़ितों को फिर से दुख पहुंचा है। एक पीड़िता ने यह भी कहा कि उसका नाम सार्वजनिक कर दिया गया, जबकि उसे अपनी ही फाइल देखने की इजाजत नहीं दी गई थी। उसने इसे अन्याय बताया। इस पूरे मामले को लेकर ट्रम्प प्रशासन की आलोचना हो रही है, क्योंकि संसद ने आदेश दिया था कि एपस्टीन से जुड़े सभी दस्तावेज जारी किए जाएं, लेकिन सरकार ने केवल कुछ ही फाइलें जारी की हैं। डेमोक्रेट नेताओं का कहना है कि जो कागज जारी हुए हैं, वे अधूरे हैं। यह मामला अब राजनीति का मुद्दा बन गया है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। सरकार का कहना है कि कानून के मुताबिक काम किया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर तस्वीरों और दस्तावेजों की दोबारा जांच होती रहेगी। शुक्रवार को तीन लाख दस्तावेज जारी हुए थे जस्टिस डिपार्टमेंट ने जेफ्री एपस्टीन से जुड़ी जांच के तहत शुक्रवार रात ढाई बजे (भारतीय समय के मुताबिक) तीन लाख दस्तावेज जारी किए थे। इनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, पॉप सिंगर माइकल जैक्सन जैसे दिग्गजों की तस्वीरें सामने आईं, हालांकि रिकॉर्ड्स में डोनाल्ड ट्रम्प का नाम लगभग नहीं के बराबर पाया गया। जबकि फरवरी में जारी एपस्टीन के निजी जेट के फ्लाइट लॉग्स में ट्रम्प का नाम सामने आ चुका है। कई पीड़ितों के इंटरव्यू और एपस्टीन की सजा की कॉपी जारी नहीं हुई नए दस्तावेजों में एप्सटीन के न्यूयॉर्क और यूएस वर्जिन आइलैंड्स वाले घरों की तस्वीरें और कुछ मशहूर लोगों की फोटो थीं। लेकिन सबसे जरूरी कागज, जैसे पीड़ितों के FBI इंटरव्यू और वह फैसला जिसमें एप्सटीन को बड़ी सजा नहीं दी गई थी, जारी नहीं किए गए। इससे सवाल उठ रहे हैं कि पहले जांच ठीक से क्यों नहीं हुई और उसे हल्की सजा क्यों मिली। डेमोक्रेट नेताओं ने ट्रम्प से जुड़ी फोटो हटने पर कहा कि सरकार कुछ छिपा रही है और पूरी सच्चाई सामने लाने की मांग की। ब्रिटेन के पूर्व प्रिंस एंड्रयू जैसे अन्य बड़े नामों का भी इन दस्तावेजों में बहुत कम जिक्र है। विपक्षी सांसदों ने अमेरिकी जनता के लिए पूरी पारदर्शिता की मांग करते हुए जस्टिस डिपार्टमेंट पर कवर-अप के आरोप लगाए। एपस्टीन के जिगरी दोस्त थे ट्रम्प ट्रम्प और एपस्टीन की मुलाकात एक पार्टी में ही हुई थी। 2002 में ट्रम्प ने एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा था- मैं जेफ को 15 साल से जानता हूं, कमाल का आदमी है। हम दोनों को कम उम्र की खूबसूरत लड़कियां पसंद हैं। यह बयान बाद में ट्रम्प के लिए मुसीबत बन गया। 1992 में ट्रम्प ने फ्लोरिडा स्थित अपने मार-ए-लागो रिसोर्ट में एपस्टीन और चीयरलीडर्स के साथ एक पार्टी की। 2019 में NBC ने इसका एक फुटेज जारी किया था। इसमें ट्रम्प, एपस्टीन को एक महिला की ओर इशारा करते दिखते हैं और झुककर कहते हैं- देखो वह बहुत हॉट है। हालांकि, एक प्रॉपटी विवाद के बाद ट्रम्प और एपस्टीन के बीच बातचीत का कोई पब्लिक रिकॉर्ड नहीं है। ट्रम्प ने बाद में 2019 में कहा था कि उनके और एपस्टीन के बीच मनमुटाव हो गया था और उन्होंने 15 सालों से एक-दूसरे से बात नहीं की थी। ट्रम्प ने कहा था कि वो अब एप्सटीन को अपना दोस्त नहीं मानते। एपस्टीन केस से जुड़ी और फाइलें जारी होंगी शुक्रवार रात को जारी किए गए दस्तावेजों ने एपस्टीन और उसकी सहयोगी गिजलेन मैक्सवेल के मामलों से जुड़े ग्रैंड जूरी के रिकॉर्ड शामिल हैं, जिनमें पीड़ितों की गवाहियां और ट्रैवल से जुड़े कागजात मौजूद हैं। कई नामों को अभी भी सीक्रेट रखा गया है। जस्टिस डिपार्टमेंट आने वाले वक्त में एपस्टीन केस से जुड़ी और तस्वीरें जारी करेगा। आमतौर पर ग्रैंड जूरी से जुड़े दस्तावेज केस खत्म होने के बाद भी सार्वजनिक नहीं किए जाते, लेकिन हाल ही में अमेरिकी संसद ने एक नया कानून पास किया, जिसके बाद अदालत ने इन्हें जारी करने की इजाजत दी। इसी के तहत जस्टिस डिपार्टमेंट अब धीरे-धीरे एपस्टीन फाइल्स सामने ला रहा है। इनमें एपस्टीन की संपत्तियों, पैसों के लेन-देन, यात्रा रिकॉर्ड और महिलाओं से जुड़े नोट्स का जिक्र है। मैक्सवेल से जुड़ी स्लाइड्स में उसकी एपस्टीन के साथ तस्वीरें और फ्लाइट्स की जानकारी भी शामिल हैं। इन दस्तावेजों में एक FBI एजेंट की गवाही भी सामने आई है। एजेंट ने बताया कि एक 14 साल की लड़की को स्कूल छोड़ने के बाद एपस्टीन से मिलवाया गया था। उससे कहा गया था कि अगर वह एक अमीर आदमी को मसाज देगी तो उसे पैसे मिलेंगे। बाद में उसी लड़की के साथ यौन शोषण किया गया। एजेंट के मुताबिक, इसी तरह और लड़कियों को लाया जाता था और एक लड़की ने तो एपस्टीन के लिए 20 से 50 लड़कियां तक जुटाईं। ---------------------- यह खबर भी पढ़ें... एपस्टीन के ठिकाने पर भारतीयों के जाने का सबूत नहीं:अमेरिकी डेटा कंपनी की रिपोर्ट में खुलासा, एपस्टीन के ज्यादातर मेहमान अमेरिकी अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने शुक्रवार रात जेफ्री एपस्टीन सेक्स स्कैंडल से जुड़े तीन लाख दस्तावेज जारी किए, जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, पॉप सिंगर माइकल जैक्सन, हॉलीवुड एक्टर क्रिस टकर जैसे दिग्गजों की तस्वीरें सामने आईं। पढ़ें पूरी खबर...
PAK सेनाप्रमुख का दावा-भारत से लड़ाई में रुहानी मदद मिली:नहीं तो हालात बिगड़ जाते; मई में भारत ने 11 पाकिस्तानी एयरबेस तबाह किए थे
पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भारत के साथ मई में हुए सैन्य संघर्ष में रुहानी मदद मिलने का दावा किया। उन्होंने कहा कि हमने इसे महसूस किया, जिसकी वजह से हालात पूरी तरह बिगड़ने से बच गए। मुनीर ने यह बयान 10 दिसंबर को इस्लामाबाद में हुए नेशनल उलेमा कॉन्फ्रेंस में दिया। उनके भाषण के वीडियो क्लिप रविवार को लोकल टीवी चैनलों पर दिखाए गए। भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच चार दिन तक भारी गोलीबारी और सैन्य टकराव हुआ, जो 10 मई को समझौते के बाद रुका। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह कर दिए थे। मुनीर बोले- इस्लामी देशों में पाकिस्तान का खास दर्जा अपने भाषण में मुनीर ने धार्मिक बातों पर जोर देते हुए पाकिस्तान की तुलना 1400 साल पहले पैगंबर मोहम्मद द्वारा स्थापित इस्लामी राज्य से की। उन्होंने कुरान की आयतें पढ़ीं और कहा कि इस्लामी दुनिया में पाकिस्तान को खास दर्जा मिला है। मुनीर ने कहा कि दुनिया में 57 इस्लामी देश हैं, लेकिन अल्लाह ने पाकिस्तान को हरमैन शरीफैन यानी मक्का और मदीना की हिफाजत का सम्मान दिया है। कहा- अफगानिस्तान TTP और पाकिस्तान में से एक को चुने मुनीर ने पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा हालात पर भी बात की और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से कहा कि वह पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) में से किसी एक को चुने। मुनीर का आरोप है कि पाकिस्तान में घुसपैठ करने वाले TTP के आतंकियों में करीब 70% अफगान हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या पाक नागरिकों के खून के लिए अफगानिस्तान जिम्मेदार नहीं है। मुनीर ने यह भी कहा कि किसी इस्लामी देश में जिहाद का ऐलान करने का अधिकार सिर्फ राज्य को होता है। बिना सरकार की इजाजत कोई फतवा जारी नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान की ज्यादातर आंतरिक समस्याओं के लिए अफगानिस्तान से आए हुए लोग जिम्मेदार हैं।
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