Punjab: नार्को आतंकवाद से जुड़ा सेना का भगोड़ा पकड़ा गया, हथगोला बरामद
पंजाब पुलिस ने सेना के एक भगोड़े को 500 ग्राम हेरोइन और एक हथगोले के साथ पकड़ा है। एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि राजबीर सिंह उर्फ फौजी को बिहार के मोतिहारी में भारत-नेपाल सीमा के पास रक्सौल कस्बे से उस समय पकड़ा गया जब वह नेपाल के रास्ते देश से भागने की कोशिश कर रहा था।
यह घटनाक्रम राजबीर के सहयोगी-- फाजिल्का के काशी राम कॉलोनी निवासी चिराग की गिरफ्तारी के तुरंत बाद हुआ है। चिराग के पास से 407 ग्राम हेरोइन के साथ-साथ नौ एमएम की एक पिस्तौल बरामद हुई थी।
यादव के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि फौजी 2011 में सेना में भर्ती हुआ था और फरवरी 2025 में तब भाग गया जब उसके और उसके साथियों के खिलाफ इस साल की शुरुआत में अमृतसर (ग्रामीण) के घरिंदा थाने में शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत जासूसी का मामला दर्ज किया गया था।
सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) डी सुदरविझी ने बताया कि जांच में यह भी पता चला है कि 2022 में, फौजी सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान स्थित कुछ संस्थाओं के संपर्क में आया और हेरोइन की खेप के बदले में, उसने संवेदनशील और गोपनीय सैन्य जानकारी उनतक पहुंचाने लगा।
Aravalli Hills की नयी परिभाषा के खिलाफ Environmental Activists ने प्रदर्शन किया
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने शनिवार को हरियाणा के गुरुग्राम और राजस्थान के उदयपुर में अरावली पहाड़ियों की ऊंचाई-आधारित नयी परिके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और आशंका जताई कि यह देश की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला के पारिस्थितिक संतुलन के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
गुरुग्राम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, सामाजिक संगठनों के सदस्य और स्थानीय लोग मंत्री राव नरबीर सिंह के आवास के बाहर एकत्र हुए और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी बैनर और तख्तियां लिए हुए थे। वे अरावली बचाओ, भविष्य बचाओ और अरावली नहीं तो जीवन नहीं जैसे नारे लगा रहे थे। उन्होंने नयी परिको मंजूरी देने वाले उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गहरी चिंता व्यक्त की।
उच्चतम न्यायालय ने 20 नवंबर 2025 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक समिति की अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिसंबंधी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था।
अरावली पर्वतमाला की नयी परितय किए जाने के विरोध में शानिवार को राजस्थान के उदयपुर में बड़ी संख्या में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया। इन वकीलों ने अरावली पर्वतमाला की ऊंचाई पर आधारित नई परिपर चिंता जताई।
इस कथित नयी परिके अनुसार केवल उसी भू-आकृति को अरावली पहाड़ियों में शामिल किया जाएगा जो कम से कम 100 मीटर ऊंची हो। वकीलों ने नारेबाजी करते हुए न्यायालय परिसर से जिला कलेक्ट्रेट तक मार्च किया। वहां उन्होंने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
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