लुधियाना के तनवीर का ओलिंपिक में जाने को अनूठा वर्कआउट:12 साल की उम्र में टायर खींचकर रनिंग; आर्मी रिटायर पिता ने घर में बनाई देसी जिम
पंजाब के अमृतसर के रहने वाले 12 वर्षीय एथलीट तनवीर सिंह संधू स्पोर्ट्स में करिअर बनाने के लिए अनूठा वर्कआउट कर रहे हैं। सुबह सवेरे ही घर में बनाए गए देसी जिम में पिता के साथ वर्कआउट करते हैं। तनवीर 100 मीटर रनिंग (ओलिंपिक) में देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं, इसके लिए 3 साल से ट्रेनिंग कर रहे हैं। तनवीर के पिता और दादा दोनों सेना में रहे हैं। उन्होंने तनवीर के लिए घर पर एक देसी जिम तैयार किया है। इस जिम में ट्रक के टायर, रस्सी, वेट लिफ्टिंग से संबंधित कई तरह के स्पोर्ट्स इक्विपमेंट रखे हैं। तनवीर के पिता की मानें तो वो रोजाना 3-4 घंटे वर्कआउट करता है। कुछ दिनों से उन्होंने तनवीर को एक प्रोफेशनल कोच के पास टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए भेजा है। वहीं तनवीर के रिकॉर्ड्स की बात करें तो साढ़े 12 सेकेंड में वो 100 मीटर दौड़ते हैं। जूनियर वर्ल्ड रिकार्ड की तैयारी कर रहा तनवीर तनवीर अमृतसर के बरियाम नंगल में रहते हैं। उनके के पिता बिक्रमजीत सिंह ने बताया कि वह 100 मीटर रेस 12:30 से 13:00 सेकेंड में पूरी करता है। यह स्पीड उसकी बिना टेक्निकल टिप्स के है। अब उसे टेक्निकल टिप्स लेने के लिए एक प्रोफेशनल कोच के पास भेजा है। जिससे उसकी स्पीड में तेजी आ सके। वहीं इस केटेगरी (अंडर-15) में वर्ल्ड रिकॉर्ड इंग्लैंड के डिवाइन ल्हेमे के नाम है। उन्होंने 100 की रेस 10:30 सेकेंड में पूरी की है। नया मीट रिकॉर्ड सेट करने के लिए ही तनवीर प्रेक्टिस कर रहा है। पिता रिटायर हुए तो घर में बनाया देसी जिम बिक्रमजीत सिंह ने बताया कि वो करीब 3 साल पहले सेना से रिटायर होकर घर आए तो उन्होंने घर पर ही देसी जिम बना दिया। वो खुद सेना में बॉक्सिंग इवेंट में हिस्सा लेते रहे हैं। रिटायर होने के बाद वो घर पर वर्कआउट करते थे तो साथ में उनका बेटा भी करने लगा। छोटी उम्र में ही उसने वर्कआउट में काफी समय दिया, इसलिए उन्होंने उसे एथलेटिक्स में भेजने का फैसला लिया। अब तनवीर रोजाना सुबह एक घंटे और शाम को 3-4 घंटे वर्कआउट करता है। अब पढ़िए क्या है तनवीर का वर्कआउट सेशन... प्रोटीन युक्त डाइट पर फोकस बिक्रमजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने घर में पशु पाल रखे हैं। तो जब वो दूध निकालते हैं तो तनवीर वहीं पहुंच जाता है और वहीं पर दूध पीना शुरू कर देता है। इसके अलावा डाइट में प्रोटीन युक्त खाना देते हैं। इसमें हफ्ते में एक-दो दिन नॉनवेज भी शामिल होता है।
पिता डॉक्टर बनाना चाहते थे, बेटे ने क्रिकेट चुना:आकिब के पिता बोले- मेडिकल कॉलेज की परीक्षा भी दी; दिल्ली कैपिटल्स से खेलेंगे
जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के तेज गेंदबाज आकिब नबी डार को IPL ऑक्शन में दिल्ली कैपिटल्स ने 8.40 करोड़ रुपए में खरीदा। इस सफलता के पीछे आकिब की मेहनत के साथ उनके परिवार का भी अहम योगदान रहा। आकिब के पिता गुलाब नबी डार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि उनका सपना था कि बेटा डॉक्टर बने। इसी वजह से आकिब ने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए परीक्षा भी दी, लेकिन कुछ अंकों से चूक गए। इसके बाद उन्होंने दोबारा परीक्षा देने से इनकार कर दिया और क्रिकेट को ही अपना करियर बनाने का फैसला किया, जो आज उन्हें IPL तक ले आया। पढ़िए आकिब के पिता का इंटरव्यू... पढ़ाई में भी था अव्वल गुलाब नबी ने बताया कि आकिब पढ़ाई में भी अव्वल था। उसने आठवीं और दसवीं कक्षा में जोनल लेवल पर टॉप किया था और 12वीं में साइंस स्ट्रीम चुनी। पढ़ाई के साथ-साथ वह बच्चों के साथ क्रिकेट भी खेलता रहता था। 12वीं के बाद जब वह गांव से कॉलेज की पढ़ाई के लिए बारामूला गया, तो उसका फोकस क्रिकेट पर और बढ़ गया। गुलाब नबी ने कहा कि उन्होंने बेटे से बस इतना कहा था कि अगर क्रिकेट ही खेलना है, तो पूरी मेहनत और ईमानदारी से खेलो। आकिब की एक बहन भी है, जिसने साइंस से पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है। ऑक्शन के वक्त घर में जश्न गुलाब नबी ने कहा कि ऑक्शन के वक्त घर में जश्न का माहौल था। पिछले दो-तीन सालों से आकिब डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, इसलिए उन्हें भरोसा था कि कोई न कोई टीम उसे जरूर खरीदेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें इससे ज्यादा रकम की उम्मीद थी, लेकिन जो भी मिला, अल्लाह की मेहरबानी है और वही उनके लिए बेहतर है। इस रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे बॉलर आकिब अपनी सटीक यॉर्कर और बेहतरीन लेंथ के लिए पहचाने जाते हैं। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025-26 में आकिब ने 7 मैचों में 15 विकेट झटके थे। वहीं 29 साल के आकिब रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन के पहले लेग में 29 विकेट के साथ दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। इस सूची में उनसे आगे सिर्फ सिद्धार्थ देसाई हैं, जिनके नाम 35 विकेट हैं। दिलीप ट्रॉफी में कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ा दिलीप ट्रॉफी के इस सीजन में आकिब नबी डार ने इतिहास रच दिया। वे टूर्नामेंट के इतिहास में लगातार चार गेंदों पर चार विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने। इसके साथ ही उन्होंने 1979 के फाइनल में कपिल देव द्वारा बनाए गए तीन गेंदों पर तीन विकेट (हैट्रिक) के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। नॉर्थ जोन की ओर से ईस्ट जोन के खिलाफ खेलते हुए आकिब ने 28 रन देकर 5 विकेट झटके। इस प्रदर्शन के साथ वे दिलीप ट्रॉफी में हैट्रिक लेने वाले गेंदबाजों कपिल देव और साईराज बहुतुले की सूची में शामिल हुए और चार लगातार विकेट लेकर उनसे भी आगे निकल गए। दो IPL टीमों के नेट बॉलर रहे आकिब इससे पहले दो IPL टीमों के साथ नेट बॉलर की भूमिका निभा चुके हैं। वे कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के लिए नेट बॉलर रहे हैं। पिछले सीजन सनराइजर्स हैदराबाद उन्हें अपनी टीम में शामिल करना चाहती थी, लेकिन उस समय आकिब IPL मेगा ऑक्शन के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे।
होम
पॉलिटिक्स
बिजनेस
ऑटोमोबाइल
जॉब
गैजेट
लाइफस्टाइल
फोटो गैलरी
Others 













.jpg)







