मेक इन इंडिया का कमाल: एम्स के नेतृत्व में 'सुपरनोवा' स्टेंट रिट्रीवर का सफल परीक्षण
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। हर साल करीब 17 लाख भारतीय स्ट्रोक का शिकार होते हैं, लेकिन महंगे उपकरणों की वजह से ज्यादातर मरीजों तक जीवनरक्षक मैकेनिकल थ्रॉम्बेक्टॉमी (क्लॉट हटाने की प्रक्रिया) नहीं पहुंच पाती। अब दिल्ली के एम्स ने इसी क्षेत्र में इतिहास रच दिया है।
मेक इन इंडिया का कमाल: एम्स के नेतृत्व में 'सुपरनोवा' स्टेंट रिट्रीवर का सफल परीक्षण
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। हर साल करीब 17 लाख भारतीय स्ट्रोक का शिकार होते हैं, लेकिन महंगे उपकरणों की वजह से ज्यादातर मरीजों तक जीवनरक्षक मैकेनिकल थ्रॉम्बेक्टॉमी (क्लॉट हटाने की प्रक्रिया) नहीं पहुंच पाती। अब दिल्ली के एम्स ने इसी क्षेत्र में इतिहास रच दिया है।
होम
पॉलिटिक्स
बिजनेस
ऑटोमोबाइल
जॉब
गैजेट
लाइफस्टाइल
फोटो गैलरी
Others 
Samacharnama




















