Malayalam actor Dileep: यौन उत्पीड़न मामले में मलयालम एक्टर दिलीप बरी, एर्नाकुलम कोर्ट ने सुनाया फैसला
केरल की एक अदालत ने सोमवार को मलयालम अभिनेता दिलीप को 2017 के अभिनेता हमला मामले में निर्दोष पाया। अभियोजन पक्ष कथित आपराधिक साजिश में उनकी भूमिका साबित करने में विफल रहा। हालांकि, अदालत ने छह अन्य आरोपियों को आपराधिक साजिश, गलत तरीके से बंधक बनाने, शील भंग करने के लिए हमला, अपहरण, निर्वस्त्र करने का प्रयास और सामूहिक बलात्कार का दोषी ठहराया। एर्नाकुलम जिला एवं प्रधान सत्र न्यायाधीश हनी एम वर्गीस ने सुबह 11 बजे फैसला सुनाया।
इसे भी पढ़ें: Yes Milord: राष्ट्रीय शर्म की बात है...16 साल से पेंडिंग एसिड अटैक केस पर SC ने किसे सुनाया
फैसले के बाद, अभिनेता दिलीप ने उन लोगों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने पिछले नौ वर्षों में उनका समर्थन किया और आरोप लगाया कि उनके खिलाफ मामला एक आपराधिक साजिश से उपजा है, जिसकी ओर सबसे पहले उनकी पूर्व पत्नी, अभिनेता मंजू वारियर ने इशारा किया था। उन्होंने दावा किया कि बाद में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और एक टीम ने साजिश को “लागू” किया, मुख्य आरोपी और उसके सहयोगियों का उपयोग करके एक झूठी कहानी गढ़ी और इसे फैलाने के लिए मीडिया और सामाजिक प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया, उन्होंने कहा कि कथित प्रयास का उद्देश्य उनकी छवि और जीवन को नष्ट करना था, लेकिन अदालत में विफल रहा।
इसे भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने AI पर नियंत्रण की मांग ठुकराई, कहा- हम तकनीक के खतरों से वाकिफ, इंसानी जज ही लेंगे अंतिम निर्णय!
उन्होंने मुख्य अभियुक्त और उसके जेल साथियों के साथ मिलकर मेरे खिलाफ एक झूठी कहानी गढ़ी। उन्होंने कुछ मीडियाकर्मियों के साथ मिलकर इस झूठी कहानी को सोशल मीडिया पर फैलाया। लेकिन अदालत में यह झूठी कहानी धरी की धरी रह गई। असली साज़िश मेरे खिलाफ थी। इन लगभग नौ सालों में, समाज में मेरी छवि और मेरा जीवन ही बर्बाद हो गया।
Vande Mataram Lok Sabha Discussion: नेहरू को अपना सिंहासन डोलता नजर आया... लोकसभा में बोले पीएम नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर कहा कि जो वंदे मातरम् 1905 में महात्मा गांधी को राष्ट्रगान के रूप में दिखता था... वंदे मातरम् इतना महान था, इसकी भावना इतनी महान थी तो फिर पिछली सदी में इसके साथ इतना बड़ा अन्याय क्यों हुआ? वंदे मातरम् के साथ विश्वासघात क्यों हुआ? वह कौनसी ताकत थी जिसकी इच्छा पूज्य बापू की भावना पर भारी पड़ गई जिसने वंदे मातरम् जैसी पवित्र भावना को विवादों में घसीट दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर कहा, "हम देशवासियों को गर्व होना चाहिए कि दुनिया के इतिहास में कहीं पर भी ऐसा कोई काव्य नहीं हो सकता, ऐसा कोई भाव गीत नहीं हो सकता जो सदियों तक एक लक्ष्य के लिए कोटि-कोटि जनों को प्रेरित करता हो... पूरे विश्व को पता होना चाहिए कि गुलामी के कालखंड में भी ऐसे लोग हमारे यहां पैदा होते थे जो इस प्रकार के भावगीत की रचना कर सकते थे, यह विश्व के लिए अजूबा है।
इसे भी पढ़ें: PM Modi ने Doordarshan के ‘सुप्रभातम्’ कार्यक्रम की सराहना की
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर कहा कि बंगाल का विभाजन तो हुआ लेकिन बहुत बड़ा स्वदेशी आंदोलन हुआ और तब वंदे मातरम् हर जगह गूंज रहा था। अंग्रेज समझ गए थे कि बंगाल की धरती से निकला बंकिम बाबू का यह भाव सूत्र जो उन्होंने तैयार किया था उसने अंग्रेजों को हिला दिया था। इस गीत की ताकत इतनी थी कि अंग्रेजों को इस गाने पर प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़ा था। गाने और छापने पर ही नहीं वंदे मातरम् शब्द बोलने पर भी सज़ा, इतने कठोर कानून लागू किए थे।
इसे भी पढ़ें: Parliament Winter Session: वंदे मातरम् के 150 साल पूरे, लोकसभा में 10 घंटे चलेगी चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर कहा, "अंग्रेजों ने बांटों और राज करो, इस रास्ते को चुना और उन्होंने बंगाल को इसकी प्रयोगशाला बनाया क्योंकि वो भी जानते थे कि वो एक वक्त था जब बंगाल का बौद्धिक सामर्थ्य देश को दिशा, ताकत, प्रेरणा देता था और इसलिए अंग्रेज भी जानते थे कि बंगाल का यह जो सामर्थ्य है वो पूरे देश की शक्ति का एक केंद्र बिंदु है और इसलिए अंग्रेजों ने सबसे पहले बंगाल के टुकड़े करने की दिशा में काम किया। अंग्रेजों का मानना था कि एक बार बंगाल टूट गया तो यह देश भी टूट जाएगा...1905 में अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन किया लेकिन जब अंग्रेजों ने 1905 में यह पाप किया तो वंदे मातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा। बंगाल की एकता के लिए वंदे मातरम् गली-गली का नाद बन गया था और वो ही नारा प्रेरणा देता था।
होम
पॉलिटिक्स
बिजनेस
ऑटोमोबाइल
जॉब
गैजेट
लाइफस्टाइल
फोटो गैलरी
Others 
prabhasakshi
















